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    कर्ज माफ नहीं हुआ तो दुखी किसान ने जहर खा लिया



    March 20/2019
    जबलपुर। सरकार के कर्जमाफी के बाद किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ तो दुखी किसान ने जहर खा लिया।
    घटना जबलपुर से 40 किलोमीटर दूर बरगी इलाके के ग्राम इमलिया की है। गंभीर हालत में किसान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

    जानकारी के मुताबिक न्यू भेड़ाघाट के पास इमलिया गाँव मे रहने वाले 45 वर्षीय किसान ने कर्ज माफ न होने से परेशान होकर जहर पी लिया जिसके बाद किसान को इलाज के लिए गंभीर हालत में  निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है। किसान का नाम भूपत पटेल बताया जा रहा है जिसकी चार एकड़ जमीन बरगी हिनोता के पास है। भूपत पटेल खेती किसानी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। किसान ने खेत मे इस साल चने की फसल लगाई थी पर बीते दिन अचानक हुई बारिश और ओले  से उसकी फसल खराब हो गई जिसे देखते ही किसान ने खेत मे ही जहर पी लिया। आनन फानन में साथी किसानों ने उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। 

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    किसान भूपत ने बताया कि उसके ऊपर दो लाख का कर्ज था पर सरकार की तरफ से आज तक माफ नही हुआ|  इतना ही नही मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान से भी उसे इलाज के लिए मदद नही मिल रही है। किसान भूपत की माने तो बीते दिनों अचानक हुई बारिश से भी उसकी फसल खराब हो गई थी जिसे देखकर वो सदमे में आ गया और खेत पर ही जहर पीकर आत्महत्या करने की ठान ली। फिलहाल किसान की हालत अभी खतरे से बाहर बताई जा रही है। 

    ओलावृष्टि में भी खराब हुई फसल

    किसान के बेटे अखिलेश ने बताया कि पिताजी दो माफी से कर्ज माफ होने का इंतजार कर रहे थे। आचार सहिंता लगते ही उनके पास बैंक से कर्ज माफ नहीं होने का मैसेज आ गया। इसके बाद से वे दुखी थे। रही सही कसर ओलावृष्टि ने पूरी कर दी। ओलावृष्टि की वजह से हमारी गेहूं और चने की फसल को काफी नुकसान हुआ है।

    पत्नी ने कहा फसल देखकर हुए थे दुखी

    कृषक भूपेश लोधी की पत्नी ने बताया कि शनिवार को उसके गांव तथा आसपास के क्षेत्र में जबरदस्त ओलावृष्टि हुई थी। मौसम थोड़ा सा साफ होने पर पति खेत फसल की स्थिति देखने गया। खेत पर पहुंचते ही उसने देखा कि गेहूं तथा चना की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। । फसल की उम्मीद पर ही किसान कर्ज पटाने की सोच रहा था।

    परिवारजन तत्काल लाए अस्पताल

    विषैली गोलियां खाने के बाद ही उसकी स्थिति बिगडऩे लगी। उसकी पत्नी तथा आसपास के लोगों ने तत्काल उसे प्राथमिक उपचार दिलाया और तत्काल आकर जबलपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। किसान की पत्नी ने बताया कि पहले उसके पास मैसेज आया था कि उसका कर्ज माफ कर दिया जाएगा किंतु कुछ दिन पूर्व भी उसे द्वारा एक मैसेज मिला कि आचार संहिता लग जाने से कर्ज माफ नहीं होगा। इन मैसेज को ही उसने अंतिम फैसला मानते हुए प्राण देने की सोच ली

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