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    आज तक भी किसानों को कर्ज़ माफी का इंतजार , राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज लेने के लिए किसानों को काटने पड़ रहे है चक्कर ,,,




    भोपाल 08/07/2019
    प्रदेश सरकार द्वारा किसानों का कर्ज माफ करने के दावा के बीच अब किसान कर्ज लेने भटक रहे हैं। राष्ट्रीयकृत बैंकों से खरीफ सीजन की खेती के लिए कर्ज लेने किसानों को चक्कर काटना पड़ रहा है। दरअसल, राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज माफी के लिए अभी कुछ दिन पहले ही धनराशि जारी की गई है। इसका बैंकों ने असंतुलित वितरण करते हुए किसी को 50 हजार तक की कर्जमाफी का लाभ दिया है तो किसी को ढाई से तीन लाख तक का।
    राष्ट्रीय बैंकों के पास कर्जमाफी के लिए कोई स्पष्ट गाइडलाइन भी नहीं है। इससे किसानों को ऐन खेती के समय में अब कर्ज मिलना मुश्किल हो गया है। पुराना कर्ज की राशि अदा नहीं होने की बात कहकर बैंक नया लोन देने में किसानों को आनाकानी कर रहे हैं। कर्जमाफी के लिए क्या नीति अपनाई गई है। किसानों का कुल कितना कर्ज माफ किया गया है। इसकी सही - सही जानकारी बैंक प्रबंधन भी दे पाने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं। इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है।

    राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्ज नही हो रहा माफ :-

    राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज लिए किसानों का कहना है कि कर्जमाफी का समुचित लाभ नहीं मिलने से उन्हें भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। कर्जमाफी की आस में उन्होंने फसल काटने के बाद कर्ज नहीं चुकाया। अब ऐन धान बोआई के समय खेती करने के लिए बैंक पुराने कर्ज का हवाला देकर कर्ज देने से इंकार कर रहे हैं।
    बैंक प्रबंधन का कहना है कि किसानों की कर्जमाफी के लिए उनके पास कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है। क्षेत्रीय कार्यालय से किसानों की सूची और उनके खाते में समायोजित धनराशि का उल्लेख कर भेजा गया है। किसी किसान का कम और किसी का ज्यादा कर्ज माफी का आंकड़ा मिलने से प्रबंधन भी असमंजस में हैं। किसानों का पूरा कर्ज माफ होगा या नहीं यह भी बता पाने में बैंक प्रबंधन असक्षम हैं। इससे खेती के लिए कर्ज लेने वाले किसान डिफाल्टर होने के कगार पर पहुंच गए हैं।
    इन बैंकों से लिए गए किसानों के कर्ज की होगी माफी :-

    प्रदेश सरकार ने जिन 21 राष्ट्रीयकृत बैंकों के किसानों का ऋण माफ करने का निर्णय लिया है। उनमें स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, आंध्रा बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया, आईडीबीआई, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, केनरा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स, पंजाब एंड सिंध बैंक, सिंडिकेट बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक, यूनाइटेड बैंक, देना बैक, विजया बैंक शामिल हैं। सहकारी बैंक और ग्रामीण बैंक के किसानों का कर्जमाफ करने का ऐलान छह महीने पहले ही किया जा चुका है। लेकिन, किसानों का कर्ज चुकता करने पर्याप्त धनराशि बैंकों को जारी नहीं होने से मुसीबत बढ़ी है।

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