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    कर्जमाफी अब गले की फांस बनी । कमलनाथ सरकार ने मांगी माफ़ी



    March 11/2019 

    Bhopal.  मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए संजीवनी बनी कर्जमाफी अब गले की फांस बन गई है| दस दिन में वचन पूरा करने वाली सरकार ढाई महीने में भी सभी किसानों का कर्जा माफ़ नहीं कर पाई
    एक तरफ कमलनाथ सरकार दावा कर रही है कि 24 लाख 84 हजार किसानों के खातों में कर्ज माफी की कार्रवाई की गई। अब तक 20 लाख किसानों का कर्ज माफ हो चुका है। वही दूसरी तरफ बैंक किसानों को ब्याज सहित कर्ज की वसूली के नोटिस भेज रहे हैं।हैरानी की बात तो ये है कि सरकार के दावे के बावजूद किसानों के खाते में राशि नही पहुंची है। खातों में पैसे नहीं पहुंचने के कारण किसानों को नो ड्यूज प्रमाण-पत्र भी नहीं मिल पा रहे हैं। बैंक के द्वारा वसूली नोटिस भेजने के बाद किसान सकते में आ गए और सरकार के प्रति उनका आक्रोश पनपने लगा है।वही इस पूरे घटनाक्रम के बाद जिले में हड़कंप मच गया है।
               
         दरअसल, मामला सीहोर जिले के निपानिया गांव का है। कमलनाथ सरकार द्वारा किसानों की कर्जमाफी के लिए  जय किसान फसल ऋण माफी योजना शुरु की गई है, जिसके तहत प्रथम चरण में 50 हजार कर्ज तक वाले एक लाख से अधिक किसानों को शामिल किया था, जिनके खातों में 434 करोड़ रुपए पहुंचने थे लेकिन अभी तक किसानों के खातों में कर्जमाफी की राशि नहीं पहुंची है, हालांकि आचार संहिता से पहले किसानों के पास यह मैसेज पहुंच गया है कि कि अब लोकसभा चुनाव के बाद कर्जमाफी की जाएगी। वही  दूसरी तरफ बैंक ने किसानों को ब्याज सहित कर्ज की वसूली के नोटिस भेजना शुरु कर दिए है।जिले के कई किसानों को इस तरह के नोटिस भेजे गए है, जब  इस बारे में बैंक और सोसायटियां से बात की गई तो वे इंकार रहे है, लेकिन गांव के कई किसानों को इस तरह के नोटिस मिले है।वही एसडीएम का कहना है कि इस तरह की शिकायत अभी तक उनके पास नही आई है, अगर ऐसा है तो वे जल्द ही मामले की जानकारी लेकर समस्या का समाधान करेंगें।
    पिछले साल 50 हजार रुपए का कर्ज लिया था, जो अब ब्याज सहित 58 हजार रुपए से अधिक हो गया है। मैंने एक किश्त भी 6 हजार रुपए की जमा कर दी है, लेकिन अब बैंक से 52 हजार रुपए की वसूली का नोटिस आया है। जबकी सरकार ने 50  हजार से दो लाख तक का कर्जा माफ करने की बात कही है। गांव में कई किसानों को इस तरह के नोटिस भेजे गए है।
    किसान, ग्राम निपानिया, सीहोर

    आचार संहिता के पहले ही पहुंचे मैसेज, चुनाव बाद होगी कर्जमाफी
    लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में चुनाव आयोग ने रविवार शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी, जिसमे मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव की घोषणा की और इसी के साथ आचार संहिता लागू हो गई।लेकिन इससे पहले ही दोपहर में मध्य प्रदेश में किसानों के पास मैसेज पहुंचना शुरू हो गए कि आचार संहिता के कारण कर्जमाफी की प्रक्रिया चुनाव के बाद होगी। सोशल मीडिया पर इन मैसेज के स्क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं। इनमे से कुछ में 5 बजे से पहले का समय बताया जा रहा है तो कुछ में पांच बजे के बाद का समय दिखाई दे रहा है। इसको लेकर बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सवाल उठाये हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है "वोट के लिए हुए षड्यंत्र का खुलासा, कांग्रेस ने ऋण माफी का झूठ बोला था। अभी इस समय तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता नहीं लगी है लेकिन कमलनाथ  सरकार ने किसानों को मैसेज भेज दिए हैं कि आचार संहिता लगने के कारण आपकी ऋण माफी नहीं हो पा रही है, यह गंभीर मामला है।जांच जरूरी है"।

    अब यह विपक्ष के लिए चुनावी मुद्दा बन गया है,


     पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सरकार पर हमला बोला है| उन्होंने कहा है कि सरकार ने आचार संहिता लगने से पहले ही किसानों से माफ़ी मांग ली कि आपका कर्ज माफ़ नहीं होगा, सरकार के लोग भगवान् से यही प्रार्थना कर रहे थे कि कब आचार संहिता लगे और उनका पीछा छूटे, रविवार को आचार संहिता से पहले ही किसानों को मैसेज भेज दिए कि अब लोकसभा चुनाव के बाद कर्जमाफी होगी| 
    दरअसल, रविवार को लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है| जिसके चलते प्रदेश में कर्जमाफी की प्रक्रिया अटक गयी है| ख़ास बात यह कि किसानों के पास आचार संहिता लगने से पहले ही यह सन्देश पहुँच गया कि आचार संहिता के कारण कर्जमाफी नहीं होगी, लोकसभा चुनाव के बाद कर्जमाफी स्वीकृत होगी| इसको लेकर सवाल खड़े हो गए हैं| भाजपा ने कहा वोट के लिए हुए षड्यंत्र का खुलासा हो गया है कांग्रेस ने ऋण माफी का झूठ बोला था।  दिल्ली में चुनाव आयोग ने 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी| जिसमे मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव की घोषणा की| इससे पहले ही मध्य प्रदेश में किसानों के पास मैसेज पहुंचना शुरू हो गए कि आचार संहिता के कारण कर्जमाफी की प्रक्रिया चुनाव के बाद होगी| सोशल मीडिया पर इन मैसेज के स्क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं| 

    सरकार नहीं व्यापार चल रहा है : शिवराज 
    पूर्व सीएम शिवराज ने मीडिया से चर्चा में कहा सरकार ने जो वादे किये वो खोखले थे, ढाई महीने में कलई खुल गई, सरकार का रंग उतर गया| कर्जमाफी का सच सामने आ गया है| इतने उतावले थे कि आचार संहिता लगने से पहले किसानों से माफ़ी मांग ली कि अब कर्जमाफी नहीं होगी| ताकि उनका पिंड छूटे| शिवराज ने कहा जो वादा किया उससे सरकार मुकर गई, किसान त्राहि त्राहि कर रहे हैं, धान उठाई नहीं गई, सोयाबीन के 500 रूपये क्विंटल दिए नहीं| प्याज किसान आंसू बहा रहा है, गेंहू बमुश्किल दो हजार रुपए दे रही सरकार, ओले पाले का पैसा मिल नहीं रहा| सरकार में भयानक प्रशासनिक अराजकता है| भ्रष्टाचार का बोलबाला है, कलेक्टर और एसपी परेशान हैं, सरकार नहीं व्यापार चल रहा है| इसलिए सरकार का रंग उतर गया है सच्चाई जनता के सामने है| 

    20 लाख किसानों का हुआ कर्ज माफ़ : कमलनाथ 
    सरकार कर्जमाफी के मुद्दे पर शुरुआत से ही विपक्ष के निशाने पर है, भाजपा इसको लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाएगी| कर्जमाफी को लेकर जहां सरकार दावे कर रही है वहीं भाजपा इसे झूठ और धोखा बता रही है| इस बीच सरकार एक और कर्जमाफी के इस मैसेज से फिर घिर गई है| इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था अगले दो तीन महीनों में किसानों का पूरा कर्जा माफ हो जायेगा। उन्होंने कहा था कुल 24 लाख 84 हजार किसानों के खातों में कर्ज माफी की कार्रवाई की गई। अभी तक 20 लाख किसानों का कर्ज माफ हो चुका है। यह कार्रवाई चलती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान का जन्म कर्जे में होता है। उसकी मृत्यु कर्जे में होती है। बड़ी आवश्यकता थी कि किसानों को राहत मिले। उन्होंने कहा कि किसानों को वचन दिया था कि उनका कर्जा माफ करेंगे। सरकार ने कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू करके किसानों को इसका लाभ भी देना शुरू कर दिया है। अगली कार्रवाई चलती रहेगी। अगले दो तीन महीनों में पात्र सभी  किसानों का पूरा कर्जा माफ हो जायेगा। 

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