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    मध्यप्रदेश सरकार ने रातो-रात हटाई संघ कार्यालय की सुरक्षा, bjp हुई हमलावर

    आरएसएस कार्यालय



    • भाजपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट कर इस मामले में नाराजगी जताई और सरकार को चेतावनी दे डाली है
    • दिग्विजय ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री से फिर से सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने का किया था आग्रह
    • 2009 से लगे थे एसएएफ गार्ड, संघ ने कहा- न हमने लगाने को कहा, न हटाने को

    April 2/2019



    भोपाल। राज्य सरकार ने राजधानी स्तिथ आरएसएस कार्यालय समिधा से सुरक्षा हटा ली है| चुनावी समय में सरकार के इस फैसले से सियासत गरमा गई है| भाजपा जहाँ इस मामले में आक्रामक हो गई है, वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इसका विरोध किया है| सोमवार रात 9:30 बजे अचानक एसएएफ का कैंप हटना शुरू हुआ और रात 11 बजे तक जवान अपना सामान लेकर चले गए। यहां 15 साल से एसएएफ का अस्थायी कैंप तैनात था। 2003 में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ये व्यवस्था लगाई थी।




    ईंट से ईंट बजा देने की चेतावनी 


    भाजपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट कर इस मामले में नाराजगी जताई और सरकार को चेतावनी दे डाली है। भार्गव ने ट्वीट कर लिखा है कि भोपाल स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय से सुरक्षा का हटाया जाना कमलनाथ का बेहद ही निंदनीय कदम है। कांग्रेस द्वारा शायद फिर किसी हमले की योजना बनाई गई है। अगर  किसी स्वयंसेवक को खरोंच भी आई तो कांग्रेस सरकार की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी। वही बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने लिखा है कि वे अलगाववादी और आतंकवादी संगठनों को सुरक्षा देते हैं और हम राष्टवादी संगठनो को। जम्मू-कश्मीर की खीझ है कांग्रेस को। वे अपना कार्य करें हम अपना करेंगे। जनता सब देख रही है।संघ पर बौद्धिक और शारीरिक हमलावरों को राजनीतिक संरक्षण देने वालों की सरकार बन गई है मध्यप्रदेश में।



    मंत्रियों की भी सुरक्षा हटाए सरकार


    संघ के दफ्तर से सुरक्षा हटाए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने भी सवाल खड़े किए है। गौर ने कहा कि संघ ने सुरक्षा नही मांगी थी। अगर कांग्रेस ने सुरक्षा दी थी तो जारी रखना था। मंत्रियों के यहां भी सुरक्षा व्यवस्था है तो संघ कार्यालय से क्यों हटाई। चुनाव आयोग को आवश्यकता थी तो सभी मंत्रियों के यहां से भी सुरक्षा हटानी थी। वही दिग्विजय सिंह द्वारा इस फैसले को गलत बताने पर गौर ने कहा कि उनका बहुत धन्यवाद वो समझदार व्यक्ति है। भारत की वो संस्थान जो पाकिस्तान के विरोधी है उनपर टारगेट है। संघ पाकिस्तान का सबसे बड़ा विरोधी है। कांग्रेस की पूरी छवि हिन्दू विरोधी है, चाहे राहुल हो जा दिग्विजय सिंह।जय जय श्रीराम कहने से पाप नही धुलते।



    दिग्विजय ने भी फैसले को बताया गलत


    भोपाल से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी और वरिष्ठ नेता दिग्विजय ने भी इस फैसले को गलत बताया है। साथ ही संघ कार्यालय को पुन सुरक्षा देने की मांग की है। सिंह ने ट्वीटर के माध्यम से लिखा है कि भोपाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाना बिल्कुल उचित नहीं है मैं मुख्य मंत्री कमल नाथ जी से अनुरोध करता हूँ कि तत्काल पुन: पर्याप्त सुरक्षा देने के आदेश दें।



    ये है पूरा मामला


    सोमवार रात राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ई-2 अरेरा कॉलोनी स्थित कार्यालय समिधा से सुरक्षा-व्यवस्था हटा दी है। यहां दस साल पहले यानी 2009 से एसएएफ की एक- चार की गार्ड तैनात थी। समिधा के सामने सड़क के किनारे एसएएफ SAF का टेंट लगा हुआ था। सोमवार रात 9:30 बजे अचानक एसएएफ का कैंप हटना शुरू हुआ और रात 11 बजे तक जवान अपना सामान लेकर चले गए। पुलिस मुख्यालय ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के भोपाल स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मुख्यालय समिघा से सोमवार को सुरक्षा हटा ली। यहां 15 साल से एसएएफ का अस्थायी कैंप तैनात था। 2003 में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ये व्यवस्था लगाई थी

    कहानिया पड़ने के लिए नीचे click करे :- 



    न हमने सुरक्षा मांगी थी और न हटाने को कहा। सरकार ने सुरक्षा दी थी, अब हटा ली है। यह सरकार का निर्णय है। इस मामले में हम कुछ नहीं कहना चाहते।

                       नरेंद्र जैन, प्रचार प्रमुख मध्यभारत प्रांत संघ




    चुनाव आयोग ने चुनाव की व्यवस्था के लिए फोर्स की मांग की है। इसके लिए समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि कई जगहों पर बिना स्वीकृति के बल तैनात है। ऐसे सभी स्थानों से बल वापस बुलाने का निर्णय लिया गया। उसमें संघ कार्यालय भी शामिल है। 

                                        बाला बच्चन, गृह मंत्री , मप्र

    इसलिए दी गई थी सुरक्षा व्यवस्था :

     साल 2009 में तत्कालीन सरसंघचालक केएस सुदर्शन ने पद से निवृत्त होने की घोषणा के बाद समिधा को अपना निवास स्थान बनाने का निर्णय लिया था। उसी दौरान कार्यालय का रिनोवेशन हुआ था। सुदर्शन को राज्य सरकार ने विशेष सुरक्षा प्रदान की थी। इसी वजह से यहां एसएएफ के गार्ड तैनात किए गए थे। 15 सितंबर 2012 को उनके निधन के बाद भी जवान यहां तैनात रहे। 


    क्या कहा मुख्यमंत्री कमलनाथ ने :-

    मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जारी बयान में कहा है कि मुझे आरएसएस के भोपाल स्थित कार्यालय से चुनाव आयोग में की गई एक शिकायत के चलते और चुनावी कार्य में फोर्स की आवश्यकता होने के कारण सुरक्षा हटा लेने की जानकारी मिली। मैंने अधिकारियों को तुरंत ही निर्देश दिये हैं कि आरएसएस कार्यालय पर पुनः सुरक्षा व्यवस्था की जाए। कमलनाथ ने कहा कि आरएसएस से भले हमारे वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। लेकिन मैं उनके कार्यालय से सुरक्षा हटाये जाने का पक्षधर नहीं हूं।


    गृहमंत्री ने कहा- कई जगह बिना स्वीकृति के बल तैनात


    राज्य के गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि चुनाव आयोग ने फोर्स की मांग की है। समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि कई जगहों पर बिना स्वीकृति के फोर्स तैनात है। ऐसे सभी स्थानों से जवानों को वापस बुलाने का निर्णय लिया गया। उसमें संघ कार्यालय भी शामिल है। उधर, आरएसएस के प्रचार प्रमुख नरेंद्र जैन ने कहा कि हमने न तो सुरक्षा मांगी थी और न हमें इसे वापस लेने की कोई जानकारी। हमें सुरक्षा हटाने पर कोई आपत्ति भी नहीं है। 


    शिवराज ने कहा- सुरक्षा हटाना दुर्भावना पूर्ण 

    पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संघ ने कभी सुरक्षा नहीं मांगी। संघ किसी की सुरक्षा का मोहताज नहीं है। सरकार को लगा कुछ आतंकवादी संगठनों से खतरा है, इसलिए सरकार में रहते हुए हमने सुरक्षा प्रदान की थी।  केवल एक सतही कारण बता कर सुरक्षा हटा दी गई। सुरक्षा के मामले में दुर्भावना रखना घटिया है।

    2 टिप्‍पणियां:

    1. कमलनाथ बोले- मैं आरएसएस की सुरक्षा हटाने का पक्षधर नहीं, बहाली के आदेश जारी" Chaitanya Bharat: Latest Hindi Breaking News, Today Live News

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    2. जी हा बिलकुल सही लेकिन हटाई किसके कहने पर ? क्या गृहमंत्री सरकार के नही है ?

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