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    मंडीयो में Cash less भुकतान अब किसानों के लिए बना मुसीबत




    देवास m.p. 4/5/2019
    किसानों की मुसिब कम होने का नाम नही ले रही है । चारो ओर से किसानों को लूटा जा रहा है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जब नोट बंदी की थी तब , ज्यादा जोर Cash less पर दिया जा रहा था ।
    लेकिन यही cash less अब किसानों को बहुत भारी पड़ रहा है ।
      देवास। सरकारी कृषि उपज मंडी देवास से लगातार व्यापारियों द्वारा किसानों की उपज खरीद कर भागने का सिलसिला जारी है  मंडी में व्यवस्थाएं सुधर नहीं पा रही है। व्यापारियों के भागने की घटना से किसान डरे हुए हैं। नकद भुगतान की मांग कर रहे हैं। मंडी प्रशासन पर मिलीभगत के आरोप लगाए जा रहे हैं।

    ऐसे में अब किसानों का मंडी से भरोसा उठने लगा है। किसानो की उपज नीलामी में ली जाती है और किसान मंडी समिति की जिम्मेदारी पर अनजान व्यापारी को माल दे देता है और व्यापारी अब किसानो को चुना लगाने लगे हैं।

    ताजा मामले में देवास कृषि उपज मंडी में दो लाइसेंसी व्यापारियों के किसानों को लाखों रुपये की चपत लगाने के बाद अब तीसरा व्यापारी भी किसानों का करीब 30 लाख रूपये बकाया रख भाग गया।


    कहानिया पड़ने के लिए नीचे click करे :- 




    शनिवार 4/5/2019 को कृषि उपज मंडी के लाइसेंसी व्यापारी हिमेश पिता रविकांत सेठिया की फर्म कंचन ट्रेडर्स के माध्यम से 17 से अधिक किसानों को 30 लाख की चपत लगाकर फरार हो गया है। इससे पहले पिछले एक माह में दो व्यापारी किसानों का लाखोंरुपये लेकर भाग चुके है। जिनका आज तक न तो सुराग लगा है और ना ही उनकी संपत्तियां नीलाम हो सकी है। लिहाजा किसानों को अपनी ही राशि के लिए अब मंडी के चक्कर लगाना पड़ रहे है।

    17 किसानों का 30 लाख बकाया

     दो प्रकरणों का निराकरण भी नहीं हुआ था कि शनिवार को एक ओर लाइसेंसी फर्म कंचन ट्रेडर्स का संचालक हिमेश पिता रविकांत सेठिया निवासी ग्राम क्षिप्रा फरार हो गया। मंडी अधिकारियों की माने तो शनिवार की शाम तक 17 किसान रविकांत सेठिया के खिलाफ आवेदन दे चुके है और इन 17 किसानों का करीब 25 से 30 लाख रुपये कंचन ट्रेडर्स के संचालक सेठिया से लेना है, जो पिछले एक सप्ताह से उन्हें टालमटोल कर रहा था और जब शनिवार को ये किसान क्षिप्रा स्थित रविकांत सेठिया के निवास व कार्यालय पर रुपये लेने गए तो दोनों ही जगहों पर ताले लटके मिले। तब सभी 17 किसान मंडी पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज कराई।

     शिकायत मिलने के बाद मंडी के भारसाधक अधिकारी व एसडीएम जीवनसिंह रजक ने मंडी सचिव अश्विन सिन्हा को कंचन ट्रेडर्स की चल- अचल संपत्ति की जांच करने के निर्देश दिये। इसके बाद मंडी प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए सेठिया के 290 बोरी सोयाबीन, 45  क्विंटल गेहूं व 3 लाख रुपये की एफडीआर जप्त करने की कार्यवाही की।

    पहले भी भाग गए गये है व्यापारी ,


    गौरतलब है कि पूर्व में मंडी की लाइसेंसी फर्म विद्या ट्रेडर्स का संचालक दिलीप ठाकुर व सोमेश्वर ट्रेडर्स का संचालक महेश सोनी किसानों के लाखों रुपये लेकर फरार हो चुके है और पीडि़त किसानों द्वारा आए दिन कृषि उपज मंडी में अपनी उपज की राशि लेने के लिए हंगामा, चक्काजाम व नारेबाजी की जा रही है। बावजूद इसके मंडी प्रशासन किसानों का पैसा दिलाने में विफल हो रहा है,  क्योकि मंडी से फरार हुए लाइसेंसी व्यापारियों के पास न तो इतनी संपत्ति है और ना ही उनकी पर्याप्त प्रतिभूति  मंडी प्रशासन के पास है।


    1.  10 दिसंबर 2018 को विद्या ट्रेडर्स का व्यापारी 48 किसानों के साढ़े 22 लाख रुपए लेकर भाग गया था। 7 जनवरी तक मंडी सचिव ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में किसानो को मंडी समिति से चेक दिलवाए।
    2. कुछ दिन पहले सोमेश्वर ट्रेडर्स का व्यापारी किसानों का करीब 90 लाख रुपए का भुगतान किए बगैर भाग गया। पूरा अप्रैल माह बीत गया लेकिन व्यापारी का कोई पता नहीं चला। किसानों का भुगतान कब और कैसे होगा इसकी भी जानकारी नहीं मिल पा रही। 


    किसानों की मांग


     मंडी समिति में व्यापारियों की प्रतिभूति राशि जमा रहती है उसी से किसानों का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा। किसानों की 82-2 की पर्ची कटती है। हमारी मांग यही है कि प्रतिभूति की राशि से भुगतान किया जाए। हमांग नहीं मानी तो हम चक्काजाम करेंगे। जो कुछ भी हुआ है और हो रहा है वह मंडी प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है। व्यापारी, कर्मचारी, अधिकारी सब मिले हुए हैं। अभी और भी व्यापारी भागेंगे। मंडी समिति को इनकी जांच करनी चाहिए।

    एक महीने में कर देंगे भुगतान


    एसडीएम जीवनसिंह रजक ने बताया कि किसानों की मांग थी कि जल्द से जल्द भुगतान किया जाए। नकद भुगतान की व्यवस्था लागू की जाए। मैंने उन्हें समझाइश दी और आश्वासन दिया कि एक माह में पेमेंट दिलवा देंगे। मंडी के चेक देने की बात भी कर रहे थे लेकिन यह संभव नहीं है। किसानों का पैसा हर हाल में देंगे। व्यापारी का मकान कुर्क किया है। उसकी संपत्ति का पता लगा रहे हैं। गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम लगी हुई है। प्रतिभूति का मामला हर मंडी का अलग रहता है। कुछ जगहों पर व्यापारी सामूहिक प्रतिभूति जमा करवाते हैं लेकिन देवास मंडी में सामूहिक प्रतिभूति प्रणाली नहीं है इसलिए प्रतिभूति राशि से भुगतान नहीं किया जा सकता। हमने यह व्यवस्था लागू कर दी है कि किसानों की उपज खरीदने के बाद जब तक व्यापारी किसानों को भुगतान नहीं करेगा उसकी उपज मंडी से बाहर नहीं ले जा सकेगा।


    किसानों को लिखित आश्वासन दिया


    मंडी सचिव अश्विन सिन्हा ने बताया कि किसानों की मांग यही थी कि भुगतान किया जाए। एसडीएम मंडी आए थे। मुझे आदेशित किया है कि लिखित में आश्वासन दो। इसके बाद मैंने एक माह का लिखित आश्वासन दिया है। एक माह में हर हाल में भुगतान कर देंगे। व्यापारी का ८० क्विंटल माल नीलाम करने की कार्रवाई की। शेष माल की जानकारी मिल रही है उसे भी जब्त करेंगे। संपत्ति भी नीलाम की जाएगी।

    किसान बोले  ,"तम तो हमारे जेल में डाल दो..."


    जिस समय किसान एसडीएम से बात कर रहे थे तो उनका सब्र जवाब दे रहा था। एक किसान कह रहा था कि म्हारा घर ब्याव है। जेब में पइसा नी है। ब्याऊ की खरीदी कां से करूंगा। तम तो एक काम करो हमारे सबके जेल में डाल दो। आज अगर पइसा नी दिया तो यां से नी हटांगा। मंडी में रिश्वत ली के तो लाइसेंस बांटी रिया है। सब पइसा खई रिया है। व्यापारी उण से मिल्या हुआ है सब। बिचारो किसान मरे नी तो कईं करे। इसी तरह मंडी समिति कार्यालय के गेट पर एसडीएम से बात करते करते एक किसान की आंख भर आई। आंसू बह निकले। वह कहने लगा कि साहब घर का खर्च कैसे चलाएं। जो उपज थी वह बेची थी कि पैसे मिल जाएंगे लेकिन व्यापारी लेकर भाग गया। अब क्या करें। बाकी किसानों ने उसे समझाया कि हम अन्नदाता हैं। हमारे आंसू अनमोल है। एसडीएम ने भी उसे ढांढस बंधाया। बाद में सभी किसान मंडी सचिव अश्विन सिन्हा के पास पहुंचे।

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