मोदी सरकार का किसानों के लिए बड़ा तोहफा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाया
सरकार ने बुधवार को फसल वर्ष 2019- 20 के लिये धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाया
केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी है| बजट से पहले केंद्रीय कैबिनेट ने 14 खरीफ फसलों की एमएसपी यानी न्यूनतम खरीद मूल्य बढ़ाने का फैसला किया है| बुधवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में धान की एमएसपी 65 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाई गई. अब धान की एमएसपी बढ़कर 1815 रु प्रति क्विंटल हो गई. इसके अलावा मक्का, बाजरा, मूंगफली, तुर समेत 13 और अनाजों की एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया गया. मोदी सरकार ने वेज कोड बिल को भी पास कर दिया है|
इसके अलावा तिलहन, दाल-दलहन और अन्य अनाज के एमएसपी में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गयी है। तुअर, उड़द और मूंग का समर्थन मूल्य क्रमश: 125 रुपये, 100 रुपये और 75 रुपये क्विंटल बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया। जून में बारिश 33 प्रतिशत कम रहने से किसानों को यह निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि वे खरीफ की कौन सी फसल की खेती करे।
सरकारी आंकड़े के अनुसार बारिश में देरी के कारण खरीफ फसलों के अंतर्गत कुल रकबा घटकर पिछले सप्ताह 146.61 लाख हेक्टेयर रहा जो इससे पिछले साल इसी दौरान 162.07 लाख हेक्टेयर रहा था। कृषि और मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस साल के लिये खरीफ फसलों के एमएसपी की घोषणा करने के बाद कहा, ''मानसून में थोड़ी देरी हुई है। यह सभी के लिये चिंता की बात है और सरकार इसको लेकर गंभीर है। केंद्र कम बारिश की स्थिति से निपटने के लिये राज्यों के निरंतर संपर्क में हैं। हालांकि, मौसम विभाग ने जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश का अनुमान जताया है।
तोमर ने कहा कि खरीफ फसलों के लिये एमएसपी का निर्धारण किसानों की उपज लागत का डेढ़ गुना देने के निर्णय के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि सरकार ने फसल वर्ष (जुलाई-जून) 2019-20 के लिये सामान्य और ए ग्रेड के किस्म की धान के लिये एमएसपी पिछले साल के मुकाबले 65 रुपये प्रति किवंटल (3.7 प्रतिशत) बढ़ाया है। फसल वर्ष 2018-19 के लिये धान के एमएसपी में 200 रुपये क्विंटल की बढ़ोतरी की गयी थी। इस बढ़ोतरी के बाद सामान्य स्तर के धान का एमएसपी 1,815 रुपये क्विंटल हो गया है, जबकि ए ग्रेड धान के लिये यह 1,835 रुपये क्विंटल होगा।
मंत्री ने कहा कि धान का एमएसपी उत्पादन लागत 1,205 रुपये क्विंटल की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। न्यूनतम समर्थन मूल्य वह कीमत है जो केंद्र सरकार किसानों को उनकी उपज का भुगतान करने की गारंटी देती है।
अन्य अनाज के msp में भी बढ़ोतरी
सरकार ने रागी का एमएसपी उल्लेखनीय रूप से 253 रुपये बढ़ाकर 3,150 रुपये क्विंटल किया है। ज्वार का एमएसपी 120 रुपये बढ़ाकर 2,550 रुपये क्विंटल (हाइब्रिड) तथा मलदांडी किस्म के लिये 2,570 रुपये क्विंटल किया गया है। मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य 60 रुपये क्विंटल बढ़ाकर 1,760 रुपये जबकि बाजरा के मामले में यह 50 रुपये क्विंटल बढ़कर 2,000 रुपये क्विंटल किया गया है।
दलहनी फसलों के भी एमएसपी में बढ़ोतरी
तोमर ने कहा कि दाल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के इरादे से तुअर (अरहर) का एमएसपी 125 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5,800 रुपये, उड़द का 100 रुपये बढ़ाकर 5,700 रुपये तथा मूंग का 75 रुपये बढ़ाकर 7,050 रुपये क्विंटल किया गया है।
तिलहन फसलों के एमएसपी में भी बढ़ोतरी
खाद्य तेल आयात में कमी लाने के इरादे से सरकार ने इस साल तिलहन फसलों के एमएसपी में भी अच्छी-खासी बढ़ोतरी की है। सोयाबीन (पीली) की दर 311 रुपये बढ़ाकर 3,710 रुपये क्विंटल की गई है। वहीं सूरजमुखी 262 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये क्विंटल, तिल 236 रुपये बढ़ाकर 6,485 रुपये, मूंगफली 200 रुपये बढ़ाकर 5,090 रुपये तथा नाइजरसीड 63 रुपये बढ़ाकर 5,940 रुपये क्विंटल किया गया है।
वाणिज्यिक फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी
सरकार ने कपास के एमएसपी में इस साल 100-105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद मध्यम रेशा कपास 5,255 रुपये तथा लंबे कपास का एमएसपी 5,550 रुपये क्विंटल हो गया है। सरकार ने कहा, ''किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर सर्वाधिक रिटर्न बाजरा (85 प्रतिशत) तथा उड़द (64 प्रतिशत) और तुअर पर (60 प्रतिशत) मिलेगा।"
बता दें कि किसान संगठनों द्वारा लंबे समय से एमएसपी में बढ़ोतरी की मांग की जा रही थी| उनका कहना है कि किसानों को लागत मूल्य पर कम से कम डेढ़ गुना कीमत मिलनी चाहिए
एमएसपी व्यवस्था किसानों को उनकी उपज के लिये न्यूनतम मूल्य की गारंटी उपलब्ध कराती है। इसे पूरे देश में लागू किया जाता है। सरकार ने कहा है कि भारतीय खाद्य निगम और राज्य की नामित एजेंसियां किसानों को अनाजों के मामले में समर्थन देती रहेंगी। नाफेड और एसएफएसी तथा अन्य प्राधिकृत एजेंसियों दालों और तिलहनों के मामले में एमएसपी पर खरीद करेंगी। कपास के मामले में मूल्य समर्थन के लिये भारतीय कपास निगम शीर्ष केन्द्रीय एजेंसी होगी। इस काम में नाफेड उसकी मदद करेगा।
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