कोई नही बनना चाहता किसान
कोई नही बनना चाहता किसान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
किसान पर सब करते है
राजनीति
पर कोई नही सुनता उनकी
आप-बीति
उनके बेटे भी छोड गये साथ
तभी तो गाँव हो रहे श्मशान से वीरान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
मानता हूँ शहरो मे खूब पैसे
कमायेंगे हम
फिर क्या पैसो को ही
खायेंगे हम
इतनी भी नही दूरदर्शिता तो
फिर क्यो कहलाये हम ज्ञानवान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
क्यो न हर नागरिक दे अपना
योगदान
और जीवन के किसी हिस्से मे बने
जवान या किसान
तभी होगा देश सुरक्षित और
समृध्द होंगे खेत-खलिहान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
किसान पर सब करते है
राजनीति
पर कोई नही सुनता उनकी
आप-बीति
उनके बेटे भी छोड गये साथ
तभी तो गाँव हो रहे श्मशान से वीरान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
मानता हूँ शहरो मे खूब पैसे
कमायेंगे हम
फिर क्या पैसो को ही
खायेंगे हम
इतनी भी नही दूरदर्शिता तो
फिर क्यो कहलाये हम ज्ञानवान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
क्यो न हर नागरिक दे अपना
योगदान
और जीवन के किसी हिस्से मे बने
जवान या किसान
तभी होगा देश सुरक्षित और
समृध्द होंगे खेत-खलिहान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
किसान पर सब करते है
राजनीति
पर कोई नही सुनता उनकी
आप-बीति
उनके बेटे भी छोड गये साथ
तभी तो गाँव हो रहे श्मशान से वीरान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
मानता हूँ शहरो मे खूब पैसे
कमायेंगे हम
फिर क्या पैसो को ही
खायेंगे हम
इतनी भी नही दूरदर्शिता तो
फिर क्यो कहलाये हम ज्ञानवान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
क्यो न हर नागरिक दे अपना
योगदान
और जीवन के किसी हिस्से मे बने
जवान या किसान
तभी होगा देश सुरक्षित और
समृध्द होंगे खेत-खलिहान
बच्चे बनना चाहते है डाँक्टर, इंजीनियर और
सूचना तंत्र के विद्वान
पर कोई नही बनना चाहता
किसान
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