किसान के जीवन को नष्ट करती सरकारे
किसान के जीवन को नष्ट करती सरकार की गलत नीतिया
एक किसान के जीवन को नष्ट करती सरकार की गलत नीतियों का मुददा मै यहाँ उदेलित करना चाहता हूं. क्या किसान के उपर हमेशा राजनीती होती रहेगी ,क्या किसान ही है जिस पर जब चाहे कोई भी उसकी आर्थिक दशा का मजाक उडाए और किसान आत्महत्या कर ले, आखिर क्यों सब किसान को कमजोर समझते है. मैं एक किसान हु और आज एक किसान के जीवन को नष्ट करती नीतियों को इस अभियान के द्वारा उजागर करुंगा. किसान अछी फसल बोने के लिए बैंक से साहुकारो से क़र्ज़ लेता है.अगर मोसम की मार पड़े तो कोई किसान के साथ नही होता. सब दिखावा करते है.किसान अगर २ लाख की फसल पैदा करता है, और कर्जा उस पर 3 लाख का है तो पुरे साल मै जो उसने कमाया वो तो बैंक और साहुकारो के पास चला गया,अब आप खुद ही सोचिये की एक किसान आत्महत्या नही करेगा तो क्या करेगा. अगर किसान एक साल मै बैंक का कर्जा वापिस नही कर पाया तो साहूकार से जायदा बैंक किसान को मरने के लिए विवश कर देता है.इस देश का अन दाता क्यों आज मरने पैर मजबूर है .इसके लिए सरकार को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जिस से किसान खुशाल हो. टीवी पर किसानो को खुशाल बताया जाता है.पर हकीकत कुछ और ही है.किसान भूखा रहकर ओरो के पेट भरता है.फिर भी खाली हाथ क्यों. क्योंकि सरकार ने किसानो को समृद्ध बना दिया ,तो वह शाशन किस किस पर करंगे.लेकिन अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन एक दिन अमरीका भारत को अनाज देता दिखेगा. इसलिए समय-समय पर देश को सरकार को किसानो के साथ खड़ा होना पड़ेगा.और उसकी आर्थिक दशा को सुदारना पड़ेगा.....
जय किसान
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