M.p. mandi

मध्यप्रदेश की सभी मंडियों के ताजा भाव जानने के लिए click करे.... मध्यप्रदेश मंडी भाव (Madhya Pradesh market price)







1850   |  
  • Breaking News

    रबी फसलों के लिए अनुकुल मौसम, किसान भाई अभी क्या करें (Suitable weather for rabi crops, what do farmers do now)

    रबी फसलों के लिए अनुकुल मौसम, किसान भाई अभी क्या करें (Suitable weather for rabi crops, what do farmers do now)



    रबी फसलों के लिए अनुकुल मौसम, किसान भाई अभी क्या करें
    कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों ने अनुकूल मौसम को देखते हुए किसानों को रबी मौसम की गेहूं, चना, तिवरा आदि की बोनी जारी रखने की सलाह दी है। तिलहनी फसलों जैसे सूरजमुखी, तिल और मूंगफल्ली बोने के लिए भी अच्छा मौसम चल रहा है।
     1. चने के जिन खेतों में उकठा एवं कॉलरराट बीमारी का प्रकोप हर साल होता है, वहां चने की जगह गेंहू, तिवरा, कुसुम, अलसी आदि की खेती करना चाहिए। फसल चक्र अपनाने से इन खेतों की चना फसल में कई सालों से हो रही बीमारियां नहीं होंगी। चने को बोने से पहले बीजों का उपचार करना जरूरी है। बीजों को कार्बेन्डाजिम दवा 1.5 ग्राम, राइजोबियम कल्चर 6 से 10 ग्राम तथा ट्राईकोडर्मा पावडर 6 से 10 ग्राम प्रति किलो बीज में मिलाकर उपचारित करना चाहिए।
    2. कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि शीतकालीन सब्जियों में बैगन, टमाटर और भिंडी की फसल को भेदक कीट से बचाने के लिए 20 फिरोमेन ट्रेप का उपयोग प्रति हेक्टेयर पर किया जा सकता है। कृषि वैज्ञानिकों ने फल उद्यानों में सिंचाई की टपक पद्धति का उपयोग करने का सुझाव देते हुए कहा है कि इससे कम पानी में अधिक क्षेत्रफल में सिंचाई की जा सकती है।
    3. सरसों की फ़सल में विरलीकरण तथा खरपतवार नियंत्रण का कार्य करें।जिन किसानों की सरसों की फसल 35 दिन की हो गयी हो, वे अगले पाँच दिनों तक वर्षा न होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए पहली सिंचाई करें।
       सावधानी ;-   किसान सरसों में पेटेंड बग की निरंतर निगरानी करते रहें तथा प्रकोप अधिक हो तो नियंत्रण के लिए कार्बरिल (सेविन) 2 ग्राम\लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

    4. जिन किसानों की गेहूँ की फसल 21-25 दिन की हो गयी हो, वे अगले पाँच दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना को ध्यान में रखते हुए पहली सिंचाई करें। सिंचाई के 3-4 दिन बाद उर्वरक की दूसरी मात्रा डालें।
     5. किसानों को यह सलाह है कि वे मौसम शुष्क रहने की संभावना को देखते हुए, गेंहू की बुवाई हेतू तैयार खेतों में ओट आ गई हो तो उसमें गेहूँ की बुवाई कर सकते हैं। 

    गेंहू की उन्नत प्रजातियाँ ;- सिंचित परिस्थिति- श्रेष्ठ (एच. डी. 2687), पूसा विशेष (एच. डी. 2851),  पूसा गेहूँ -109 (एच. डी. 2894), पूसा सिंधु गंगा(एच. डी. 2967), डी. बी. डब्लू.-17 बीज की मात्रा 100 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर होनी चाहिये ।
     सावधानी ;- बुवाई से पूर्व बीजों को बाविस्टिन @ 1.0 ग्राम या थायरम @ 2.5 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करें। जिन खेतों में यदि दीमक का प्रकोप हो तो क्लोरपाईरिफाँस (20 ईसी) @ 5 लीटर प्रति हैक्टर की दर से पलेवा के साथ दें। नत्रजन, फास्फोरस पोटाश तथा जिंक सल्फेट उर्वरकों की मात्रा 120, 50, 40 व 20 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर होनी चाहिये।
    6. किसान इस मौसम में जई तथा बरसीम की बुवाई कर सकते हैं। जई की उन्नत किस्में- जे.एच.ओ.-822, ओ.एल.-9 और पूसा ओट-5 तथा बरसीम की उन्नत किस्में- वरदान, बुंदेल बरसीम-1, मसकावी, जे.बी.-3. बीज दर–जई-80-100 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर और बरसीम-25-30 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर।
     7.  तापमान को ध्यान में रखते हुए मटर की बुवाई करें। उन्नत किस्में – ए. पी.-3, बोनविले, लिंकन।बीजों को कवकनाशी केप्टान या थायरम @ 2.0 ग्रा. प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से मिलाकर उपचार करें उसके बाद फसल विशेष राईजोबियम का टीका अवश्य लगायें। गुड़ को पानी में उबालकर ठंडा कर ले और राईजोबियम को बीज के साथ मिलाकर उपचारित करके सूखने के लिए किसी छायेदार स्थान में रख दें तथा अगले दिन बुवाई करें।
    8.  आलू के पौधों की ऊँचाई यदि 15-22 से.मी हो जाए तब उनमें मिट्टी चढ़ाने का कार्य जरूरी है अथवा बुवाई के 30-35 दिन बाद मिट्टी चढ़ाई का कार्य सम्पन्न करें।
    9. किसान गाजर की यूरोपियन किस्मों  जैसे नेंटीस, पूसा यमदागिनी, मूली की यूरोपियन किस्मों जैसे हिल क्वीन, जापानीज व्हाईट, पूसा हिमानी, चुंकदर की किस्म क्रिमसन ग्लोब तथा शलगम की पी. टी. डब्लू. जी. आदि की बुवाई इस समय कर सकतेहैं।

    1 टिप्पणी:

    1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना छठी किस्त
      जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार किसानों को प्रति वर्ष ₹6000 की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। जो कि वह ₹2000 की तीन किस्तों में 4 महीने के अंतराल में प्रदान करती है। केंद्र द्वारा अब तक पांच किस्त जारी की जा चुकी हैं। केंद्र सरकार 1 अगस्त 2020 से किसानों को छठी किस्त की राशि भेजने जा रही है। यह राशि किसानों के बैंक अकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफर की जाएगी। यदि आपके द्वारा प्रदान की गई जानकारी सही नहीं है आपके अकाउंट में छठी की राशि नहीं आएगी। यह राशि प्राप्त करने के लिए आपको अपने द्वारा प्रदान की गई जानकारी को सही करना होगा। उसके पश्चात ही आप इस योजना का लाभ उठा पाएंगे।

      जवाब देंहटाएं

    Next post

    गेंहू उत्पादक किसानों के लिए बड़ी खबर गेहूं समेत रबी की 6 फसलों पर एमएसपी बढ़ाया

    खुशखबरी! गेंहू उत्पादक किसानों के लिए बड़ी खबर गेहूं समेत रबी की 6 फसलों पर एमएसपी बढ़ाया केंद्र सरकार ने गेहूं और सरसों समेत 6 फसलों के एमएस...

    Post Top Ad