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    किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती से कमा सकते है लाखो (Farmers can earn millions by cultivating dragon fruit)


    किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती से कमा सकते है लाखो (Farmers can earn millions by cultivating dragon fruit)
    आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुडी जैसा की दोस्तों आप सभी जानते हो की यदि किसान पारंपरिक फसले और पुराने तरीके से खेती करेगा तो आज के युग में पिछड़ जायेगा इसलिए आज किसान को हाई टेक तरीके और नई फसलो पर ध्यान देना होगा।

    ड्रैगन फ्रूट के बारे में जानकारी (Information about dragon fruit) :-
    ड्रैगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम (Hylocereus undatus) है ।  यह फल मुख्य रूप से थाईलैंड,इजराइल,मलेशिया श्री लंका और वियतनाम में लोकप्रिय है! वहा पर इसकी व्यावसायिक खेती होती है लेकिन अब इसकी खेती भारत में भी कई जगह होने लगी है! जिसकी मुख्य वजह इसकी अच्छी  कीमत का मिलना और कम वर्षा वाले स्थान पर अच्छी पैदावार का होना है!
    ड्रैगन फ्रूट के स्तेमाल (Use of dragon fruit) :-
    ड्रैगन फ्रूट के पोधो को बहुत सारे लोग अपने घर में fesion की  तरह गमले में भी लगाते है! इसके फ्रूट से आइसक्रीम jeli  jem ,juse ,के साथ साथ bhuty क्रीम के तोर पर फ़ेस पैक का इस्तेमाल किया जाता है!
    ड्रैगन फ्रूट स्वस्थ के लिए भी काफी लाभदायक माना जाता है इस फल में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा कई ज्यादा पायी जाती है जो कई सारे रोगों से लड़ने में सहायता करता है इस फल के सेवन से मधुमेह नियंत्रित होती है शरीर में बड़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करता है hart  releted  बीमारियों में भी काफी लाभदायक रहता है

    ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु (Suitable season for dragon fruit cultivation) :-
    इसके पोधो में मौसमी परिवर्तन यानि तापमान का उतार चढ़ाव को आसानी से सहन कर सकते है 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान इसके लिए उपयुक्त रहता है इसके पोधो को ज्यादा धुप वाली उँची जगह पर नही लगाना चाहिए! इसकी  खेती 50% वार्षिक औसत बरसात होने वाली जगह पर आसानी से की जा सकती है!


    मिट्टी के प्रकार (Types of soil) :-
    वैसे तो इसकी खेती के लिए कोई विशेष प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता नही होती है आप सभी तरह की कम उपजाऊ मिट्टी में भी इसे लगा सकते है लेकिन व्यावसायिक रूप से आप खेती करना चाहते है तो 5.4 ph मान से 7ph मान वाली मिट्टी में इसे लगाये!

    ऐसे करें खेत की तैयारी (Prepare the farm in this way) :-
    खेत की तैयारी के लिए पहले खेत को 2 या 3 बार गहरी जूताई कर ले ताकि उसमे सभी प्रकार के खरपतवार नष्ट हो जाये उसके बाद खेत में गोबर वाली खाद् या वर्मी कम्पोस खाद् खेत की मिट्टी में मिलाये एवं उचित जल निकास की व्यवस्था रखे

    इसके पौधे केसे तैयार करे (How to grow its plants) :-
    इसके पौधे तैयार करने के लिए दो तरीके है एक बीज के द्वारा  और दूसरा अन्य पौधे की शाखा(कलम ) द्वारा बीज से पौधे तैयार करने में काफी ज्यादा समय लगता है इसलिए अधिकतर किसान शाखा(कलम ) विधि का ही उपयोग करते है जो की व्यावसायिक खेती के लिए उत्तम होता है!शाखा के जरिये पौधे तैयार करने में स्वस्थ पौधे की छंटाई कर उसकी शाखाओं(कलम ) को 20 सेमी लम्बे टुकड़े का उपयोग करना चाहिए अलग की गयी शाखाओं को रोपने से पहले छाँव में ही रखनी चाहिए !

    पौधे लगाने का तरीका (Planting method) :-
    इसके कलम पोधों को लगाने के लिए एक कतार में 2 मीटर की दूरी छोड़ कर 60 सेमी चोडा और 60 सेमी गहरा गड्डा खोदा जाना चाहिए फिर कलम वाले पोधों को सूखे गोबर और बालू रेत  को 1:1 :2 के अनुपात में मिला कर गड्डे में रोपे गड्डो में मिट्टी के साथ प्रति गड्डे में 100 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट और कम्पोस्ट मिला कर भर दे! इस तरह एक एकड़ ज़मीन में 1700 पौधे लग जायेंगे ड्रैगन फ्रूट के पौधे काफी तेजी के साथ विकसित होते है उन्हें सहारा देने के लिए सीमेंट का पोल और तख्त लगाना चाहिए!

    ड्रेगन फ्रूट की सिचाई (Dragon fruit irrigation) :-
    अन्य फसल की तुलना में ड्रैगन फ्रूट को काफी कम पानी की आवश्यकता होती है रोपाई के तुरंत बाद पानी दे फिर एक सप्ताह उपरांत सिचाई करे गर्मी के दिनों में आवश्यकता अनुसार सिंचाई करे ड्रैगन की सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई बेस्ट रहती है!

    खाद और उर्वरक (Manures and Fertilizers) :-
    इसके पोधों के विकास में जीवाश्म तत्व मुख्य रूप से सहायक होते है!इसलिए प्रति पौधे 10 से 15 किलो तक को जैविक उर्वरक कम्पोस्ट देना चाहिए! जैविक खाद् की मात्रा प्रति दो वर्ष में बढ़ाते रहना चाहिए  पौधे के समुचित विकास के लिए समय समय पर रासायनिक खाद्  भी देना चाहिये जिसमे पोटाश + सुपर फास्फेट +यूरिया  को  40:90:70 ग्राम प्रति पौधा देना चाहिए ! जब पोधों में फल लगना शुरू हो जाये तब नाइट्रोजन की मात्रा कम कर के पोटाश की मात्रा बड़ा देनी चाहिए जिससे अधिक उपज प्राप्त हो सके फूल आने से पहले और फल आने के समय प्रति पौधे में 50 ग्राम यूरिया 50 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट और 100 ग्राम पोटाश देना चाहिए प्रति वर्ष प्रति पोधे में 220 ग्राम रासायनिक खाद् की मात्रा बड़ाई जानी चाहिए अधिकतम मात्रा 1.5 किलो तक हो सकती है

    ड्रैगन फ्रूट की कुछ निम्न विशेषता (Some of the features of Dragon Fruit) :-
    • इस के पोधों में अभी तक किसी भी तरह के किट और बीमारी नही आयी है!
    • इसके पौधे एक साल में ही फल देने के लायक हो जाते है  मई जून महीने में फूल लगते है और अगस्त से दिसम्बर तक फल आ जाते है!
    • प्रति एकड़ 5 से 6 टन उत्पादन होता है
    • इसका बाजार में भाव प्रति किलो 200 से 250 तक रहता है!
    • अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अधिक मांग
    लाभ और उपज (Profit and yield) :-
    ड्रैगन फ्रूट  एक सीज़न में 3 से 4 बार फल देता है प्रति फल का वजन लगभग 300 से 800 ग्राम तक होता है एक पोल पर 40 से 100 फल तक लगते है जिनका अनुमानित वजन 15 से 25 किलो प्रति पोल एक एकड़ में अनुमानित 300 पोल  प्रति पोल पर फलो का कम से कम वजन 15 किलो मान लेते है तो  वजन 4500 और बाजार भाव कम से कम 125 रूपये प्रति किलो माने तो भी प्रति एकड़ अनुमानित 5,62,500 की आमदनी होती है

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