हर्बल खेती से अल्पावधि में अधिक लाभ कैसे अर्जित करें (How to earn more profits in the short term from herbal farming)
हर्बल खेती से अल्पावधि में अधिक लाभ कैसे अर्जित करें (How to earn more profits in the short term from herbal farming) जानें कोन सी फसल अल्पावधि में अधिक मुनाफा देती हैं
भारत में हर्बल कंपनियों की बढती संख्या बहुत अधिक मात्रा में बढ़ी है साथ ही हर्बल दवाओं, हर्बल कोस्मटिक एवं हर्बल कच्चे सामान की मांग बहुत तेज़ गति से वृधि हुई है पर उसके लिए उपयुक्त कच्चा माल का उत्पादन अभी भी कम हुआ है।
आइये आज जानते हैं वोह कोन सी फसलें हैं जो किसानों को कम समय मैं अधिक लाभ दे सकती हैं
1. दीर्घावधि में मुनाफा देने वाले पौधे (Long term profitable plants)
मेडिसिनल प्लांट की फार्मिंग दो तरीके से की जा सकती है। इसमें कुछ ऐसे पेड़ होते हैं जिनके फूलों-फलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाएँ बनाने में होता है। इसमें आँवला, नीम सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण हैं। यह पौधे दीर्घावधि में मुनाफा देते हैं।
2. अल्पावधि में मुनाफा देने वाले पौधे (Short term profitable plants)
जबकि अल्पावधि में मुनाफा देने वाले पौधों में ईसबगोल, तुलसी, एलोविरा, हल्दी, अदरक इत्यादि की खेती की जा सकती है। इन सभी उपजों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाएँ बनाने में किया जाता है। इन सभी पौधों की फार्मिंग फसल वर्ष के अनुसार की जाती है। उदाहरण के तौर पर अगर आप ईसबगोल की फार्मिंग करते हैं तो आपको करीब एक हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। ईसबगोल की खेती के लिये आपको सिर्फ 20 हजार रुपए का निवेश करना होगा। ईसबगोल की फसल तीन से चार माह में तैयार हो जाती है और इसमें लगभग दो से ढाई लाख रुपए की कमाई हो सकती है। ईसबगोल औषधीय पौधे के रूप में जाना जाता है। इसकी खेती उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखण्ड और हरियाणा में की जाती है।
आमतौर पर इसकी फसल तीन से चार माह में तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में करीब 15 क्विंटल बीज पैदा हो जाते हैं। ईसबगोल के बीज में करीब 30 फीसद भूसी निकलती है। यही भूसी दवा के रूप में इस्तेमाल की जाती है। अगर थोक में इसकी भूसी बेची जाए तो 40 हजार रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा का भाव मिल सकता है।
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