जैविक कीटनाशक एवं औषधियाँ बनाने के नुस्खे --1 (Tips for making organic pesticides and medicines - 1)
जैविक कीटनाशक एवं औषधियाँ बनाने के नुस्खे (Tips for making organic pesticides and medicines)
आज कल किसान भाई को बहुत सी समस्या हो रही है , उनमें से एक सबसे बड़ी समस्या है । महंगी कीटनाशक , फफूंदिनाशक , दवाइयों के स्तेमाल से ख़र्च बड़ रहा है। खर्च ज्यादा ओर आमदनी कम हो रही है , इसलिये कुछ जैविक कीटनाशक हम अपने घर पर ही बना सकते है । इससे खर्च कम करने में किसान भाइयों को कुछ मदद मिलेगी ,
ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्खे निम्न लिखित है ....
1. महुआ-इमली से दवा,
सामग्री ;
बनाने की विधि ;
महुआ व इमली की छाल बराबर मात्रा में लेकर कूटकर रस निकालते हैं !
उपयोग का तरीका व समय ;
500 ग्राम को 15 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव सुबह – सुबह करते है ! कपास की डोडी को खाने वाले गुलाबी रंग व धब्बेदार कीड़ों का नियंत्रण किया जा सकता है ।
2. फूल – पुड़ी की दवा ,
किलो तम्बाखू, 500 ग्राम नीम का तेल, 25 ग्राम कपड़े धोने का साबुन !
बनाने की विधि ;
1 किलो तम्बाकू को 5 लीटर पानी में गलाकर 3 दिन तक रखते है , चौथे दिन अच्छे से मसलकर निचोड़ कर घोल में 500 ग्राम नीम का तेल व 25 ग्राम साबुन भी मिलायें !
उपयोग का तरीका व समय ;
15 लीटर पानी में 500 ग्राम तैयार घोल मिलाकर दो छिड़काव 15 दिनों के अंतर से सुबह – सुबह करें | सभी फसलों की इल्ली, सफेद व हरा मच्छर, मक्खी आदि के नियंत्रण हेतु !
3. कमलिया कीट की दवा ,
सामग्री ;
1 किलो तम्बाकू 400 ग्राम नीम का तेल, 25 ग्राम कपड़े धोने का साबुन, 100 ग्राम काले धतूरे के पत्ते का रस !
बनाने की विधि ;
1 किलो तम्बाकू को 5 लीटर पानी में भिगोकर 3 दिन तक रखें तथा चौथे दिन अच्छे से मसलकर निचोड़कर 100 ग्राम काले धतूरे का रस, 250 ग्राम हरी मिर्च कूटकर मिलाकर छाने, घोले में 500 ग्राम नीम का तेल व 25 ग्राम साबुन मिलाने से अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे !
उपयोग का तरीका व समय ;
15 लीटर पानी में 500 ग्राम तैयार घोल मिलाकर दो छिड़काव 5 दिन के अंतर से सुबह – सुबह करें !
सभी फसलों पर लगने वाले कमलिया कीट की कारगर दवा है ।
4. हरे रंग की इल्ली की दवा ,
सामग्री ;
250 ग्राम तम्बाकू, 300 ग्राम हिराकासी, 50 ग्राम नींबू का सत !
बनाने की विधि ;
250 ग्राम तम्बाकू, 300 ग्राम हीराकासी, 50 ग्राम नींबू का सात, 2 लीटर पानी में उबालकर छाने लें !
उपयोग का तरीका व समय ;
250 ग्राम घोल को 15 लीटर पानी में मिलाकर सुबह – सुबह छिड़काव करें 2.5 बीघ के लिए 3 – 4 टंकी प्रयाप्त है !
किस – किस कीट पर काम आती है ;
इससे सभी फसलों की इल्ली को रोकने में मदद मिलती है |
सावधानी ;
एक सप्ताह पश्चात ही उसका पुन: छिड़काव किया जाये अन्यथा फसल जल सकती है !
5. माहू (मौला) नाशक दवा ,
सामग्री ;
10 किलो नीम की पत्ती
बनाने की विधि ;
10 किलो नीम की पत्ती को रातभर 5 लीटर पानी में भिगोकर रखें व सुबह उबालकर, मसलकर छानकर घोल तैयार करें !
उपयोग का तरीका और समय ;
इस पूरे घोल को 100 लीटर पानी में घोल कर सुबह – सुबह छिड़काव करें !
किस – किस कीट पर काम आती है ;
इससे माहू व पत्ते खाने वाले सभी कीड़े मर जाते है !
6. इल्ली, मच्छर मर दवा ,
सामग्री ;
5 लीटर गोमूत्र, 100 धतूरे के पत्ते !
बनाने की विधि ;
5 लीटर गोमूत्र में 100 धतूरे के पत्ते को कूटकर मिलाकर छान लें !
उपयोग का तरीका व समय ;
1 लीटर गोमूत्र घोल के 15 लीटर पानी में मिलाकर सुबह – सुबह छिड़काव करें !
किस – किस कीट पर काम आती है ;
यह दवाई इल्ली और मच्छर को मारने की अचूक दवा है !
सावधानी ;
15 दिन से ज्यादा पुराना गोमूत्र प्रयोग न करें ! 15 दिन बाद ही इस दवा का फसल पर दोबारा प्रयोग करना चाहिए !
7. हरे व सफेद मच्छर व मक्खी मारने की दवा ,
सामग्री;
500 ग्राम तम्बाकू पत्ती व 20 ग्राम साबुन !
बनाने की विधि ;
500 ग्राम तम्बाकू को 5 लीटर पानी में आधा घंटे उबालकर, छानकर, ठंडा कर 20 ग्राम साबुन अच्छे से घोलकर दवाई तैयार करें !
उपयोग का तरीका व समय ;
1 लीटर घोल में 15 लीटर पानी मिलाकर पौधों पर छिड़काव करें !
किस – किस कीट पर काम आती है ;
यह दवाई हरे व सफेद मच्छर और मक्खी को मारने की अचूक दवा है !
सावधानी ;
दवाई छिडकते समय दवाई मिट्टी पर नहीं गिरना चाहिए !
8. इल्ली मारने की दवा ,
सामग्री ;
1 किलो लहसुन, 200 ग्राम मिट्टी का तेल, 2 किलो हरी मिर्च,
बनाने की विधि ;
1 किलो लहसुन छीलकर, पीसकर 200 ग्राम मिट्टी के तेल से भिगोकर रातभर रखना फिर सुबह 2 किलो मिर्ची पीसकर घोलना, अच्छे से मिलाना !
उपयोग का तरीका ;
इस घोल को 200 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिडकना !
किस – किस कीट पर काम आती है ;
यह दवाई किसी भी फसल पर इल्ली व सूंडी लगने पर प्रयोग की जा सकता है !
9. चने व कपास की इल्ली नाशक दवा ,
सामग्री ;
10 किलो गोमूत्र, 1 किलो नीम या बेल या आंकड़े के पत्ते 100 ग्राम लहसुन ।
बनाने की विधि ;
10 लीटर गोमूत्र में 1 किलो नीम का या बेल या आंकड़े के पत्ते मिलाकर 15 दिन तक रखें ! 15 दिन बाद इस घोल में 100 ग्राम लहसुन डालकर इतना उबालें की घोल 5 लीटर रह जाये ।
उपयोग का तरीका ;
15 लीटर की स्प्रे टंकी में 750 ग्राम मिश्रण डालकर फसल व छिड़काव करें !
किस – किस कीट पर काम आती है ;
चने व कपास पर लगने वाली चिकनी व बाल वाली इल्ली के साथ – साथ माहू की अचूक दवा है !
10. कीड़े मारने की दवा ,
सामग्री ;
5 लीटर गोमूत्र, 1 लीटर निरगुण्डी का रस (30 40 निरगुण्डी के पत्तों का 10 लीटर पानी में 1 लीटर रह जाने तक उबालें) फिर 1 लीटर हिंग पानी (10 ग्राम हिंग को 1 लीटर पानी में घोलना)
बनाने की विधि ;
5 लीटर गोमूत्र, 1 लीटर निरगुण्डीका रस,1 लीटर हींग पानी तीनों 8 लीटर पानी के साथ मिलाकर फसल पर छिड़कते हैं |
उपयोग का तरीका ;
7 लीटर घोल 8 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए ! 2.5 बीघा के लिए 21 लीटर घोल पर 24 लीटर पानी की जगह होती है !
किस – किस कीट पर काम आती है ;
यह दवाई सभी फसलों पर लगने वाले कीड़ों के लिए अचूक दवा है !
सावधानी ;
निरगुण्डी व हींग पानी बताई गई मात्रा के अनुसार ही मिलाए !
नोट - उक्त घरेलू नुस्खे अपनाने से पहले अपने नजदीकी कृषि अधिकारी से सलाह जरूर ले !!!
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