Madhya Pradesh में दिसंबर 2018 तक कब्जे वाले भूमिहीनों को मिलेंगे पट्टे
राज्य सरकार कानून में संशोधन के लिए लाएगी अध्यादेश।
भोपाल। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाताओं को लुभाने के लिए राज्य सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। सरकार शहर और गांव में 31 दिसंबर 2018 तक कब्जे वाले भूमिहीनों को आवासीय पट्टा देने जा रही है।
इसके लिए जल्द ही मप्र नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 2014 में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने जा रही है। ऐसा ही संशोधन गांव की जमीनों पर पट्टा देने के लिए किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अध्यादेश का मसौदा लगभग तैयार हो गया है।
इससे पहले शिवराज सरकार ने भूमिहीनों को पट्टा देने के लिए बड़ी मुहिम चलाई थी और 31 दिसंबर 2014 तक नजूल की जमीन पर बसे भूमिहीनों को पट्टे दिए गए थे। राज्य सरकार ने अब इसकी समयसीमा चार साल आगे बढ़ाने का फैसला कर लिया है।
वचन पत्र का हिस्सा
कांग्रेस ने वचन पत्र में भी इसका वादा किया था। इसमें कहा गया था कि शहरों और गांवों में चक आबादी (समूह में रहने वाली आबादी) में बसे लोगों का स्थाई पट्टा बनवाया जाएगा। इसके साथ ही नजूल की जमीनों पर बसे भूमिहीनों को 450 वर्गफीट तक स्थाई पट्टा दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक सरकार स्थाई और अस्थाई पट्टे देने के लिए कानून में संशोधन के बाद एक सर्वे कराएगी। पट्टे के लिए सिर्फ वही व्यक्ति पात्र होंगे, जिनके परिवार में या संबंधित व्यक्ति के नाम पर कोई जमीन नहीं होगी।
2017 में किया था संशोधन
राज्य सरकार ने 2017 में ही इस कानून में संशोधन कर कब्जे की तारीख 31 दिसंबर 2012 से बढ़ाकर 2014 की थी। दिसंबर 2014 तक कब्जे की स्थिति में 27 हजार से ज्यादा हितग्राहियों को पट्टे दिए गए थे।
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